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टीनू की सूझबूझ

दिनेश चमोला

प्रकाशक : एम. एन. पब्लिशर्स एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर प्रकाशित वर्ष : 2004
पृष्ठ :24
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 4479
आईएसबीएन :81-7900-029-x

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इसमें टीनू के जीवन पर आधारित कहानी का वर्णन किया गया है।

Tinu Ki Soojhboojh-A Hindi Book by Dinesh Chamola

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

टीनू की सूझ-बूझ

रूपमती तालाब के किनारे एक घना जंगल था। उसमें कई प्रकार के जीव-जन्तु प्रेम से रहते थे। किसी को भी किसी प्रकार का कोई कष्ट व भय नहीं था। सभी निर्भय होकर वन में विचरण करते। रूपमती तालाब के जल में उछल-कूद करते व खुशी-खुशी अपने-अपने घरों को चल निकलते। जंगल के जीव-जन्तुओं की एक कल्याण सभा थी जिसमें बराबर ही सभी के सुख-दुःखों की पड़ताल होती थी। सभी आपस में खुशी से जीवन के दिन यापन करते। छोटे-बड़े के भेदभाव का वहां कोई प्रश्न ही नहीं उठता था।

रूपमती तालाब के जीवों का जीवन जीने का अपना ही ढंग था। दूसरे पड़ोसी जंगलों के जीव जब भी वहाँ आकर उनका ठाठ-बाट देखते तो भौंचक्के ही रह जाते हर वर्ष जंगल में चुनाव का प्रचार अभियान चलता किसी भी प्रकार की हिंसा पर पूरी रोक थी। अतः हर प्रकार की गतिविधियाँ हँसी-खुशी में ही सम्पन्न होती थीं। पूरे मंत्रिमण्डल का चुनाव होता जिसमें हर प्रकार के मंत्रियों में हर प्रकार के जीवों की हिस्सेदारी आवश्यक थी। बस, रूपमती का तालाब औऱ जंगलों के पशुओं के लिए एक आदर्श नमूना था।


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