लोगों की राय

सामाजिक >> अकाल सन्ध्या

अकाल सन्ध्या

रामधारी सिंह दिवाकर

प्रकाशक : भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशित वर्ष : 2006
पृष्ठ :289
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 4530
आईएसबीएन :81-263-1288-2

Like this Hindi book 6 पाठकों को प्रिय

442 पाठक हैं

ग्रामीण जीवन के कुशल कथा-शिल्पी रामधारी सिंह दिवाकर का यह उपन्यास ‘अकाल सन्ध्या’ बदलाव की प्रक्रिया से गुजर रहे गाँवों का प्रामाणिक दस्तावेज है।

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book