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मनोरंजक कथाएँ >> हास्य वर्णमाला

हास्य वर्णमाला

काका हाथरसी

प्रकाशक : डायमंड पॉकेट बुक्स प्रकाशित वर्ष : 1993
पृष्ठ :44
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 4688
आईएसबीएन :0000

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इसमें वर्णमाला के अक्षरों के माध्यम से बच्चों को ज्ञान देने के साथ-ही-साथ उन्हें मनोरंजन का भी आभास कराया गया है।

Hasya Varnmala-A Hindi Book by Kaka Hathrasi

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

हास्य वर्णमाला

अनार



खाकर एक अनार को आएं बीस डकार
हो जाते हैं एक से, अच्छे सौ बीमार,
अच्छे सौ बीमार, मधुर मोती से दाने
कर देते हैं दूर रोग सब नए-पुराने
अन्ननास, अमरुद्ध और अंगूर लाइए
मित्र मंडली संग खाइए, गीत गाइए


आम


आम चूसिए प्रेम से, अद्भुत इनका स्वाद
जिसने इनको बनाया उसको दाद दीजे उसको दाद,
दीजे उसको दाद, कचालू और रतालू
सब सब्जी का बाप बताया जाता आलू
कलमी-फज़ली आम दशहरी मन को भाएं
ओलम्पिक में लंगड़ा लम्बी दौड़ लगाएं


इमली



इमली खट्टी देखकर फड़के जिव्हा होंठ
चीनी इसमें डालिए, बन जाएगी सोंठ,
बन जाएगी सोंठ, साथ हो गर्म कचौड़ी
दह बड़े के साथ, सुहाती सुघर पकौड़ी
करलीजे स्वीकार, कभी इंकार न करिए
सीमित भोजन करो, अधिक खाने से बचिए


ईख



ईख खड़ी हो खेत में, डगमग हो ईमान
तोड़ तोड़कर चूसते, बच्चे और जवान,
बच्चे और जवान, बड़े बूढे ललचाते
रस गन्ने का देकर उनकी प्यास बुझाते
इसके द्वारा चीनी गुड़ शंकर बन जाएं
देशी और विदेशी इसकी महिमा गाएं



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