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रसीले एस.एम.एस.

बिल्लू बादशाह

प्रकाशक : फ्यूजन बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2006
पृष्ठ :94
मुखपृष्ठ :
पुस्तक क्रमांक : 4722
आईएसबीएन :81-288-1219-X

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बिल्लू बादशाह के हास्यपूर्ण एवं व्यंग्यपूर्ण एस.एम.एस.....

Rasile SMS A Hindi Book by Billu Badshaha

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश


इतिहास में उसे ही अच्छा बादशाह कहा गया है-जिसने लुटाया है बांटा है। लतीफे, चुटकुले, जोक्स, एस.एम.एस. पर किसी एक का अधिकार नहीं है, शुद्ध मनोरंजन है खुशियों का खजाना है। इसे बिल्लू बादशाह को भी अपने दोस्तों के बीच खुले दिल से लुटाना है। पढ़कर एस.एम.एस. बिल्लू के दूर करें अवसाद। जब जब आए हंसी, करना बिल्लू को याद।

खामोश से तुम रहने लगे हो, इंतजार किसी का करने लगे हो। यकीनन किसी से हुई है मोहब्बत,
बिना बात के ही मुस्कराने लगे हो।


प्रश्न—‘‘पत्नी और घड़ी में क्या फर्क है ?’’
उत्तर—‘‘एक खराब होती है तो बंद हो जाती है, और दूसरी खराब होती है तो चालू हो जाती है।’’


चिरागों से अंधेरे दूर हो जाते हैं, तो चांद की चाहत किसे होती, कट सकती अकेले ये ज़िंदगी तो दोस्ती नाम की चीज ही क्यों होती।


वो बेवफा कहकर अपनी वफा का सबूत देते हैं। अब और क्या कहें, हमें रुला के वो सुकून से सोते हैं।


तड़प के देखो चाहत में तो पता चले प्यार क्या होता है।
मिल जाए हर कोई यूं ही राहों में तो कैसे पता चले इंतजार क्या होता है।


जो अपने होते हैं वो पराए हो जाते हैं, जिंदगी की राहों में अक्सर ऐसे मुकाम आते हैं
दिल तड़पता है पर जान नहीं निकलती,
रूह रोती है फिर भी जीए जाते हैं।



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