हास्य-व्यंग्य >> क्या करेगी चाँदनी क्या करेगी चाँदनीहुल्लड़ मुरादाबादी
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सीधे शब्दों में तथा व्यंग्यात्मक लहजे में बड़ी बात कह देना मजाक नहीं है किंतु हुल्लड़ जी के लिए बहुत ही सहज है ये कला। भाषा ऐसी है कि हिन्दी उर्दू में भेदभाव नहीं। भाव ऐसा है कि हृदय को छू जाए।
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