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हास्य-व्यंग्य >> लूटनीति मंथन करि

लूटनीति मंथन करि

काका हाथरसी

प्रकाशक : डायमंड पॉकेट बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2003
पृष्ठ :152
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 4743
आईएसबीएन :81-7182-156-0

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इस पुस्तक में, काकाजी ने दोहों के माध्यम से आज की राजनीति तथा सामान्य जीवन में व्याप्त आचरण की अशुद्धता पर जमकर चोट की है। ये दोहे काकाजी की सशक्त लेखनी और शैली की प्रभावात्मक का पुष्ट प्रमाण हैं।

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