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आचार्य श्रीराम किंकर जी >> विनय पत्रिका

विनय पत्रिका

श्रीरामकिंकर जी महाराज

प्रकाशक : रामायणम् ट्रस्ट प्रकाशित वर्ष : 2000
पृष्ठ :210
मुखपृष्ठ :
पुस्तक क्रमांक : 4753
आईएसबीएन :00-0000-00-0000

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स्वामी रामकिंकरजी महाराज के द्वारा लिखी गई पुस्तक...

Vinay Patrika

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

परमपूज्य महाराज श्री के कथा प्रवचनों में ‘‘विनय पत्रिका’’ के पदों का बार-बार उद्धरण आता है। और उन्हें सुनकर यह स्पष्ट होता है कि श्रीरामचरितमानस को ह्रदयंगम करने के लिए विनय पत्रिका को समझने की कितनी आवश्यकता है। इस दुष्कर कार्य को इतनी सरलता एवं सरसता से कर पाना परम पूज्य महाराज श्री के लिए सम्भव था। गोस्वामीजी की मूल विचारधारा और सिद्धांत जो विनय पत्रिका और मानस में निहित है, उसको शास्त्र से प्रमाणित करते हुए परमपूज्य महाराज श्री ने ग्रंथ में प्रस्तुत करने की चेष्ठा की है।

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