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हास्य-व्यंग्य >> चोर पुराण

चोर पुराण

विमल कुमार

प्रकाशक : पेंग्इन बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2010
पृष्ठ :194
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 5091
आईएसबीएन :978-0-14-310164

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मेरे भी दो हाथ, दो आंखें, दो कान हैं। मैं भी हंसता-रोता हूं। मैं भी गाने गाता हूं। मैं भी नहाता हूं। मैं भी किसी के घर जाता हूं। मेरी भी पत्नी है, बाल-बच्चे हैं।

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