कहानी संग्रह >> अंतराल अंतरालकमलाकान्त त्रिपाठी
|
8 पाठकों को प्रिय 419 पाठक हैं |
भारतीय समाज की दुरुह सच्चाई को उघाड़ने के लिए गहन सूक्ष्म संवेदना, अंतर्दृष्टि और जीवंत अनुभव की दरकार प्रस्तुत करती कहानियाँ।
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book