लोगों की राय

हास्य-व्यंग्य >> डूबते सूरज का इश्क

डूबते सूरज का इश्क

प्रेम जनमेजय

प्रकाशक : डायमंड पॉकेट बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2007
पृष्ठ :151
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 5556
आईएसबीएन :81-288-1522-9

Like this Hindi book 4 पाठकों को प्रिय

32 पाठक हैं

प्रस्तुत व्यंग्य कथाओं में एक ताजगी है और अपने आसपास के जीवन को बेहतर करने और समझने की लेखकीय आकांक्षा भी

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book