कविता संग्रह >> तार सप्तक तार सप्तकसच्चिदानंद हीरानन्द वात्स्यायन अज्ञेय
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कम ही होती हैं काव्य-कृतियाँ जो स्वयं इतिहास का एक अंग बन जाएँ और आगे के लिए दिशादृष्टि दे सकें—बिना अत्युक्तिभय के ‘तार सप्तक’ के लिए कहा जा सकता है।
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