नारी विमर्श >> पाँवों का सनीचर पाँवों का सनीचरअखिलेश मिश्र
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इसमें तत्कालीन समाज में स्त्रियों की स्थिति-नियति का संवेदनापूर्ण ढंग से चित्रण हुआ है
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