हास्य-व्यंग्य >> महागुरु महागुरुहरि जोशी
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आज की राजनीतिक भ्रष्टता में आदमी की विवशता को प्रस्तुत उपन्यास में व्यंग्य के माध्यम से उकेरा गया है...
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