नारी विमर्श >> मोहभंग मोहभंगक्रांति त्रिवेदी
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नारी चरित्र के प्रकृतिजन्य गुणों जैसे समर्पण की भावना, मातृत्व ग्रहण करने की उद्दाम इच्छा, दया, क्षमा, ममता, त्याग और सेवा भावना को अंतर्मन की गहराइयों तक पहुंचकर चित्रित करने में जो दक्षता इस उपन्यास की लेखिका ने प्राप्त की है वह अन्यत्र दुर्लभ है।
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