लोगों की राय

सदाबहार >> गबन

गबन

प्रेमचंद

प्रकाशक : राजपाल एंड सन्स प्रकाशित वर्ष : 2009
पृष्ठ :264
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 635
आईएसबीएन :9789350642740

Like this Hindi book 6 पाठकों को प्रिय

1003 पाठक हैं

प्रेमचन्द्र का श्रेष्ठ उपन्यास गबन जिसमें उन्होंने पैसे के गबन की जो समस्या उठाई है वह कुछ बदले हुए रूप में प्रस्तुत है...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book