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उपन्यास >> दाह

दाह

केशुभाई देसाई

प्रकाशक : भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशित वर्ष : 2008
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 6400
आईएसबीएन :978-81-263-1510

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प्रस्तुत उपन्यास में घने जंगलों के बीच बसे गांव दरबारगढ़ के सामन्ती परिवेश के एक ऐसे ही अभिशप्त या कहें नियति के चक्र में फँसकर रह गये पीड़ित परिवार की कथा-व्यथा है, जिसका रूपांकन कथाकार ने इस उपन्यास में बड़े ही रोचक और प्रभावशाली ढंग से किया है...

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