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ग्वालियर चम्बल सम्भाग के स्थान-अभिधानों का भाषा वैज्ञानिक अध्ययन

मासूम अहमद

प्रकाशक : आराधना ब्रदर्स प्रकाशित वर्ष : 2006
पृष्ठ :200
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 6460
आईएसबीएन :81-89076-08-6

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ग्वालियर-चम्बल सम्भाग के स्थान-नाम एक ओर इतिहास की घटनाओं को सत्यापित करते हैं और दूसरी ओर समाज, धर्म एवं संस्कृति को उद्घाटित करते हैं।

Gwalior Chambal Sambhag ke Sthan-Abhidhano ka Bhas

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश


स्थान-अभिधानों की प्राचीनता और महत्ता सर्वविदित है। काल-क्रम की पुरातन परंपरा और रूप रचना की विभिन्न परिपाटियाँ स्थान-अभिधानों का भाषा विज्ञान, प्रकृति, समाज और मनोविज्ञान से सीधा-सीधा सम्बन्ध रहता है। भाषा सामाजिक विचारों के आदान-प्रदान का सार्थक और समर्थ माध्यम है। स्थान-अभिधानों में शब्द, ध्वनि और रूप रचना भाषा विज्ञान के लिए जीवंत आधार प्रदान करते हैं। ग्वालियर-चम्बल सम्भाग के स्थान-नाम एक ओर इतिहास की घटनाओं को सत्यापित करते हैं और दूसरी ओर समाज, धर्म एवं संस्कृति को उद्घाटित करते हैं।

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