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जीवनी/आत्मकथा >> पं.बनारसी दास चतुर्वेदी व्यक्तित्व एवं कृतित्व

पं.बनारसी दास चतुर्वेदी व्यक्तित्व एवं कृतित्व

कालीचरण

प्रकाशक : आराधना ब्रदर्स प्रकाशित वर्ष : 1997
पृष्ठ :497
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 6461
आईएसबीएन :000000000

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पं. बनारसीदास चतुर्वेदी के व्यक्तित्व और उनके कृतित्व का सूक्ष्म विवेचन प्रस्तुत पुस्तक में उपलब्ध कराया गया है....

Pt. Banarsidas Chaturvedi Vyaktitva Evam Kratitva

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

श्री बनारसीदास चतुर्वेदी अपने जमाने के एक विशिष्ट और स्वतन्त्र वृत्ति के भक्त लेखक हैं। भारत-भक्ति की, राष्ट्रीयता के दिनों में विदेशी मनीषियों की और मानव-सेवकों की कद्र करने का उनका आग्रह अनेक तरह से सराहने लायक है।
जब गाँधी जी ने राष्ट्रभाषा के तौर पर हिन्दी प्रचार करने का विचार किया, तो देश में अनेक मनीषियों से अभिप्राय इकट्ठा करने का काम उन्हें सौंपा। वह काम उन्होंने उत्तम ढंग से करके हिन्दी जगत को एक किताब दी।
बनारसीदास जी कभी भी संकुचित मन से गाँधीवादी न बने। दुनिया के बड़े-बड़े मनीषियों की कद्र करने के उनके आग्रह ने हमें दो-तीन अच्छे ग्रन्थ दिये हैं। महात्मा टॉलस्टॉय के बाद यूरोप के मनीषियों में प्रिंस क्रौपाटकिन का उन्होंने अच्छा परिचय कराया।
काका कालेलकर


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