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मानक विज्ञान हिन्दी शब्द कोश

गोविन्द झा

प्रकाशक : वाणी प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2008
पृष्ठ :167
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 7097
आईएसबीएन :81-7055-396-8

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विज्ञान-साहित्य के लेखकों के लिए एक उपयोगी कोश...

Manak Vigyan Hindi Shabd Kosh - A Hindi Book - by Govind Jha

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

हमारा युग विज्ञान का युग है। इस युग में विज्ञान की उपयोगिता से हम सभी परिचित हैं। वैज्ञानिक आविष्कारों और उपलब्धियों का एक क्रमबद्ध इतिहास तो है ही, इन उपलब्धियों से जुड़ी हुई एक विशिष्ट भाषा और शब्दावली भी है। हिन्दी में वैज्ञानिक साहित्य के संदर्भ में ही नहीं, दैनिक जीवन में प्रयुक्त होने वाले शब्दों के विभिन्न अर्थों के संदर्भ में भी प्रामाणिक विज्ञान कोश की आवश्यकता अर्से से महसूस की जा रही थी।
इस दिशा में छुट-पुट वैज्ञानिक शब्द-सूचियों के अतिरिक्त आज कोई प्रामाणिक विज्ञान कोश हिन्दी में उपलब्ध नहीं है। ऐसा कोश जो वैज्ञानिकों, विज्ञान के अध्येताओ, छात्रों तथा आम पाठकों के लिए उपयोगी हो। ऐसा सर्व-स्वीकार्य कोश तैयार करना अपने आप में एक चुनौती रहा है।
हमारे देश में विज्ञान के पठन-पाठन एवं शोध-कार्य का माध्यम आज तक अंग्रेजी रही है। विज्ञान के अधिकांश शब्द अंग्रेजी, ग्रीक, लैटिन, जर्मन आदि भाषाओं के शब्द हैं। विदेशी भाषाओं के शब्दों व सूत्रों (Terms) के लिए हिन्दी में कई शब्द दुरूह एवं अव्यावहारिक हैं। इस कोश में ऐसे शब्दों की उनके बहुआयामी अर्थों में सहज व्याख्याएं दी गई हैं। अव्यावहारिक शब्दों व सूत्रों को व्यावहारिक बनाने की दिशा में विशेष बल दिया गया है। पाठकों व जिज्ञासुओं की सुविधा के लिए हिन्दी शब्दों के साथ उनके अंग्रेजी शब्द तथा वैज्ञानिक उपकरणों व यंत्रों के रेखाचित्र भी है ताकि शब्द और शब्दार्थ अधिकाधिक ग्राह्य बन सकें। इस कोश के अवलोकन के लिए हर पृष्ठ का प्रथम और अंतिम शब्द निर्देशक शब्दों के रूप हैं।


अंक- (i) figure. संख्यासूचक प्रतीक-चित्र जैसे 1,2,3 इत्यादि, ये सभी भारतीय अंक हैं; नागरी अंक हैं 1, 2, 3 इत्यादि, और रोमन अंक है I , II, III, iv, v इत्यादि। (ii) mark निशान, चिन्ह।

अंकपट्ट-dial,  घड़ी, मीटर आदि मापक यन्त्रों की सूचक सुई के नीचे लगी वह पटरी जिसमें पाठ्यांक लिखे रहते हैं, डायल। अप्रा. अंकानीक।

अंश-degree. मान की एक कल्पित इकाई रेखा ग. में एक समकोण का 1/90 भाग, अंशांक, डिग्री।
अंशशोधन-callibration. किसी पात्र या उपकरण में धारिता, कोण आदि के अंकित मान को प्रयोग द्वारा जांच कर शुद्ध करना।
अंशाक दे. अंश व्या. अंशशोधित।
अंशांकन- graduation, calibration. नल बोतल आदि में आयतन का मानक्रम सूचित करने के लिए समुचित दूरियों पर निशान लगाना। इस तरह लगाए गए निशान, अंशचिन्ह, प्रायः समानयन।

अंशांकित-graduated.  जिस (नली आदि पर) अंशांकन किया हुआ हो।
अकार्बनिक-inorganic. जैव शरीर से रहित, जैसे शिला खनिज, मूल तत्व आदि। जैव शरीर से असम्बद्ध। अकार्बनिक-रसायनशास्त्र की वह शाखा जिसमें कार्बन से भिन्न तत्वों या अजैव पदार्थों कर अध्ययन किया जाता है; जैसे शैल, खनिज आदि का, न कि पेड़ पौधे आदि का।
अकीक-agate. दे. ‘गोमेद’।
अक्रिय - inert. कोई क्रिया या रासायनिक अभिक्रिया करने में असमर्थ, जड़।

अक्रिय गैस - I. gas, inactive gas. ऐसी गैसे जिनसे कोई रासायनिक यौगिक नहीं बनता है, जैसे हीलियम, नीयन, आर्गन आदि।
अक्रिस्टलीय- amorphous, non-crystalline.  जिसके परमाणु किसी नियमित क्रिस्टलीय आकृति में सजे नहीं रहते हैं, जैसे पारा, रबर आदि।
अक्ष-axis. किसी वस्तु के आरपार खींची गई ऐसी सरल रेखा (काल्पनिक) जिस पर वह वस्तु काल्पनिक रूप से घूम सके। इसके निर्देश से कई प्रश्न हल किए जाते हैं;

अक्षांश-latitude. भूमध्य रेखा और ध्रुवों के बीच गोलीय निर्देशांक जिससे (देशान्तर ज्ञान होने पर) धरती पर किसी भी स्थान की अवस्थिति निर्धारित हो जाती हैं।
अक्षीय- axial. अक्ष सम्बन्धी। दें ‘अक्ष’ भी।
अग्निसह- fire proof.  आग के सामान्य ताप में न जलनेवाला। जैसे ऐस्बेस्टोस इत्यादि। प्रायः अदाह्य।
मिट्टी- fire clay. Si 2 als2.3 आदि में यौगिकों से युक्त मिट्टी दो अत्युच्च तापक्रम पर भी टूटती नहीं है अतः भट्टी बनाने में काम आती है।

अचर-stationary. स्थिर, न चलने या बदलने वाला।
Uniform-समय के समान अंतरालों में समान दर से घटने या बढ़ने वाला, यथा अचर चाल, त्वरण, वेग आदि।
अचालक- non-conductor. वह वस्तु जिसमें तापीय चालकता नहीं होती है, जैसे रबड़ ऐस्बेस्टोस आदि। वह वस्तु जिसकी तापीय चालकता अत्यल्प होती है, जैसे लकड़ी मिट्टी आदि।
अजल (अप्रा.)-anhydrous. दे ‘निर्जल’।
अणु-molecule. द्रव्य का वह सूक्ष्मतम कण जो उस द्रव्य के गुणों को धारण किए स्वतंत्र रूप से टिक सकता है। इसमें परस्पर आबद्ध रहते हैं। जैसे जल का अणु H20
अणु-भार-दे. आणविक भार।
अणुसूत्र- दें. आणविक सूत्र।
अतिरिक्त- accessory. जो किसी मशीन आदि को चलाने के लिए अत्यावश्यक न होते हुए भी उसका अंग हो। प्राप.
सहायक, गौण।
अतिसन्तृप्त विलयन-supersaturated Solution. ऐसा विलयन जिसमें उसे सन्तृप्त (द्र.) करने के लिए जितना अपेक्षित है उससे अधिक विलेय घुला हो।

अधर स्थिर बिंदु-lower fixed point/
थर्मामीटर के मानक्रम में वह बिन्दु जहाँ सूचक गलनांक पर पहुँचता है। यह सेंटीग्रेड और रूमर पद्धति में 00 माना जाता है, किंतु फा. में 320। दे. उत्तर स्थिर बिंदु upper fixed point भी। प्र. निम्न नियत बिंदु।

अधिक कोण- obtuse angle. 90 से बड़ा किंतु 180 से छोटा कोण।
अधिकतम-न्यूनतम-तापमापी- maximum and minimum thermometer. ऐसा थर्मामीटर जिससे यह सूचना मिलती है कि ताप कम-से-कम और अधिक से अधिक किस डिग्री तक पहुंचा। इसमें दो नालियां होती है, एक में पारा और दूसरी मे ऐल्कोहल भरा रहता है और सूचक इस तरह लगाया रहता है कि एक ही दिशा में चल सके।
अधिशोषण-adsorption. किसी बाहरी पदार्थ का इस तरह शोषण कि वह भीतर न जाकर बाहरी तल पर ही रुक जाए; जैसे सक्रिय कार्बन द्वारा गैस का।

अधिस्वर- overtone.  जब वाद्ययंत्र में तार को इस प्रकार छेड़ते हैं कि कई खंडों में कंपित हो जाए अर्थात् कंपन से अनेक पाश (लूप)। नेब, उस स्थिति में उत्पन्न होनेवाला स्वर। दे. मौलिक स्वर fundamental Tone  भी । अप्रा. ‘उपरितान’।

अध्यारोपण-superposition. एक समतल चित्र के ऊपर दूसरा समतल चित्र रखने से पहले चित्र का पूरा-पूरा और ठीक-ठीक ढक जाना। इस विधि से दो चित्रों की समानता स्थापित की जाती है। प्रच. ‘आच्छादन’।
अनॉक्सी अम्ल-hydracid. वह अम्ल जिसमें आक्सीजन न हो, पर हाइड्रोजन हो। यह हाइड्रोजन और अधातु के संयोग से बनता है, जैसे HCL, H2S इत्यादि।
अनियमित- irregular. किसी स्थिर नियम पर न चलने वाला। विप. नियंत्रित।
अनुक्रम-requence. पौर्वापर्य, सिलसिला।
अनुदैर्ध्य तरंग-longitudinal wave. किसी माध्यम में ऐसी तरंगें उत्पन हों जिनके गमन से माध्यम के कणों का कंपन उसी दिशा में ही जिस दिशा में तरंग का गमन हो रहा है तो वैसी तरंग अ.त. कहलाती है। अप्रा. ‘आयाम तरंग’।

प्रसार-गुणांक-coefficient of liner expansion. किसी वस्तु में ताप की वृद्धि से होने वाले विस्तार की दर। इसका संकेत ग्रीक वर्णमाला का अल्फा है। अप्रा. रैखिक प्र.।

अनुनाद-resonance. जब ध्वनितरंगें किसी ऐसी वस्तु से टकराती हैं जिसकी कंपनावृत्ति (फ्रिक्वेंसी) उन तरंगों की कंपनावृत्ति के बराबर होती है तब वह वस्तु भी वैसी ही ध्वनि तरंगें उत्पन्न करने लगती है जो अ.अनुनादी कंपन- sympathetic vibration.  जब एक वस्तु के कंपन के प्रभाव से दूसरी वस्तु में स्वयं कंपन होता है और दोनों कंपनों की आवर्तिता (फ्रिक्वेंसी) समान रहती हैं तब दूसरी वस्तु का कंपन अ.क. कहलाता है। अप्रा. ‘अनुचारीक, ‘सहकंपन’।
कंपन-retio. एक परिणाम का दूसरे परिणाम के साथ संख्यात्मक संबंध, जो भिन्नांक के रूप में क/ख या क.ख. रूप में प्रकट किया जाता है। इसमें अनुपातः है। इस चिन्ह से बाएं की राशि को पूर्वपद और दाएं की राशि को उत्तर पद, क्रमशः antecedent  और Consequent कहते हैं। अप्रा. ‘निष्पत्ति’।
अनुप्रयुक्त-applied. साधन के रूप में व्यवृहत।

अनुप्रयोग-application. साधन के रूप में व्यवहार में लाना। अप्रा. ‘सम्प्रयोग’।
अनुप्रस्थ काट-cross section. (I) किसी ठोस (धरन, मकान आदि) को उसके लंब पक्ष से समकोण बनाते हुए कटा खंड लंब अक्ष से समकोण बनाते हुए कटा खंड जो वास्तविक भी हो सकता है और परिकल्पित भी। (2) ऐसे खंड के कटाव की सतह का चित्र। प्राप. अ. छेद. अ. परिच्छेद। काट चित्र।
अनुप्रस्थ तरंग-transverse wave. स्थिर जल के कण में तरंग उत्पन्न करने पर वह कण दोलन के साथ-साथ एक अक्ष की दिशा में आगे भी बढ़ता है, अतः हर बार इसका विचलन एक ही बिन्दु से नहीं होकर विभिन्न बिंदुओं से होता है। कण की ऐसी ही गति को अ.त. कहते हैं।

अनुमापन-titration. किसी पदार्थ के विलयन की सांद्रता किसी पदार्थ के मानक विलयन के आधार पर अवधारित करने की प्रक्रिया।

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