कहानी संग्रह >> मुसाफ़िरख़ाना मुसाफ़िरख़ानाज्ञानप्रकाश विवेक
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समय के साथ समाज की सोच, नज़रिया, आपसी रिश्ते सब बदल जाते हैं। ज्ञानप्रकाश विवेक की कहानियाँ इसी बदलती सोच की परछाईं हैं।...
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