लोगों की राय

विविध >> बच्चे की उत्तम देखभाल

बच्चे की उत्तम देखभाल

आर.के. सुनेजा

प्रकाशक : मंजुल पब्लिशिंग हाउस प्रकाशित वर्ष : 2009
पृष्ठ :276
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 7223
आईएसबीएन :978-81-86775-11

Like this Hindi book 7 पाठकों को प्रिय

134 पाठक हैं

माता-पिता और भावी माता-पिता के लिए एक व्यापक मार्गदर्शक...

Bachchon Ki Uttam Dekhbhal - A Hindi Book - by R K Suneja

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

प्रत्येक माता-पिता के लिये अपने शिशु का जन्म अत्यंत आनन्ददायक एवं उत्साहपूर्ण होता है मगर इस के साथ-साथ एक बड़ी जिम्मेदारी भी। बच्चे अपने भरण-पोषण के लिए अपने माता-पिता पर निर्भर होते हैं। अभिभावकों द्वारा दी गई देखभाल की गुड़वत्ता का बच्चे के शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक विकास पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। परन्तु बहुत कम माता-पिताओं को बच्चों की उचित देखभाल करने की पर्याप्त जानकारी होती है। अक्सर माता-पिता अपने बच्चे में उत्पन्न हो रही स्वास्थ्य, विकास एवं शिक्षण संबंधी समस्यायें तब तक नहीं पकड़ पाते जब तक कि वे गम्भीर रूप न धारण कर लें। अनेक बच्चे नावाकिफ़ माता-पिता की अपर्याप्त देखभाल के कारण कुपोषण, शीरीरिक रोगों और अनुचित विकास के शिकार हो जाते हैं। दूसरी ओर कुछ अतिचिन्तित माता-पिता अपने ठीक प्रकार विकास करते हुए स्वस्थ बच्चे के लिये भी बिना वजह लगातार चिंताग्रस्त और धबराये हुए रहते हैं। माता-पिता को कई बार अनेक प्रकार की अनपेक्षित पेचीदा परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है जैसे कि, बच्चे का अचानक आधी रात में बिना किसी कारण रोना खाने पीने से इनकार करना और अचानक उल्टी करना आदि। कभी-कभी उन्हें बच्चे को तेज़ बुख़ार, चिकित्सीय आपात्कालीन स्थिति से भी शुरू में स्वयं ही निपटना पड़ सकता है। ऐसी आकस्मिक परिस्थितियों में बच्चे के जीवन और शरीर को गंभीर हानि से बचाव इस बात पर निर्णायक रूप से निर्भर हो सकता है कि उसे डॉक्टरी सहायता पहुँचने से पहले अपने माता-पिता से कितनी शीघ्र और उत्कृष्ट मदद मिलती है। इस पुस्तक में भावी माता-पिता द्वारा गर्भावस्था से पहले और उस के दौरान ज़रूरी लिए जाने वाले महत्वपूर्ण उपायों के बारे में लाभदायक जानकारी दी गई है जिससे कि उन का नवजात शिशु सामान्य और स्वस्थ हो। इसमें गर्भधारण की प्रक्रिया और माँ के गर्भाशय में शिशु के विकास का वर्णन भी सरल भाषा में दिया गया है। एक सहचर निर्देशिका के रूप में यह पुस्तक बच्चों में रोज़मर्रा की उठने वाली छोटी एवं आपातकालीन गंभीर समस्याओं का समाधान करने में आपकी अमूल्य सहायक होगी। यह बच्चे में रोग अथवा विकास में असामान्यता को आरंभिक अवस्था में ही भाँप लेने में आप की बहुत मदद करेगी। इसमें बच्चों में खास कर भारतीय महाद्वीप में होने वाले महत्वपूर्ण रोगों और समस्याओं की विस्तारपूर्वक विवरण किया गया है। इस पुस्तक के माध्यम से माता-पिता अपने शिशु के लिए जन्म से लेकर किशोरावस्था तक स्वास्थ्य की अनुकूल देखभाल, उपयुक्त संतुलित आहार, रोगों से बचाव और उचित शिक्षण आदि प्राप्त कर पायेंगे। जिससे कि वह वृद्धि और विकास प्राप्त कर सकेगा। बच्चे की उत्तम देखभाल कर पाने के लिए आपके आत्मविश्वास और क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ यह शिशु के पालन-पोषण से मिलने वाले आप के आनंद को भी दोगुना कर देगी। यह पुस्तक मुख्यतः माता-पिता के अलावा बाल स्वास्थ्य एवं पोषण, बाल विकास और गृह विज्ञान विद्यार्थियों, शिक्षकों और कार्यकर्त्ताओं के लिए भी अत्यंत लाभदायक सिद्ध होगी।


प्रथम पृष्ठ

लोगों की राय

No reviews for this book