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विविध उपन्यास >> अप्सरा का शाप

अप्सरा का शाप

यशपाल

प्रकाशक : लोकभारती प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2010
पृष्ठ :91
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 7550
आईएसबीएन :978-81-8031-382

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कुटिया से मेनका के लोप हो जाने पर जब तक शिशु कन्या महर्षि विश्वामित्र की गोद में किलकती-हुमकती रही, वे शिशु में मग्न रह कर सब कुछ भूले रहे...

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