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रहस्य-रोमांच >> गवाही

गवाही

सुरेन्द्र मोहन पाठक

प्रकाशक : राजा पॉकेट बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2010
पृष्ठ :304
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 7678
आईएसबीएन :9788176043670

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गवाही गवाह के नहीं, इंस्पेक्टर नीलेश गोखले के गले की फांस बन गयी। क्योंकि गवाह खास था...

गवाही गवाह के नहीं, इंस्पेक्टर नीलेश गोखले के गले की फांस बन गयी। क्योंकि गवाह खास था। उसका सगा मांजाया भाई था जो गवाही से न हिलने की जिद ठाने था। अब इंस्पेक्टर गोखले को बड़े मवालियों की धमकी थी- भाई जान से जायेगा, तू भाई से जायेगा।

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