लोगों की राय

उपन्यास >> पथ का पाप

पथ का पाप

रांगेय राघव

प्रकाशक : राजपाल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2009
पृष्ठ :112
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 7774
आईएसबीएन :9788170281375

Like this Hindi book 6 पाठकों को प्रिय

396 पाठक हैं

हिन्दी के जाने-माने लेखक रांगेय राघव की एक कालजयी रचना...

Path ka Paap - by Rangey Raghav

हिन्दी के जाने-माने लेखक रांगेय राघव का उपन्यास ‘पथ का पाप’ एक कालजयी रचना है। अपनी अन्य कृतियों की तरह अपने इस उपन्यास के लिए भी उन्होंने ग्रामीण परिवेश को ही आधार बनाया है।
डॉ. रांगेय राघव बहुमुखी प्रतिभा के धनी साहित्यकार थे। अपने छोटे से जीवनकाल में उन्होंने कहानी, कविता, नाटक आदि विभिन्न विधाओं से हिन्दी साहित्य को समृद्ध किया। मूल रूप से दक्षिण भारतीय होने के बावजूद हिन्दी पर उनकी पकड़ सराहनीय थी। अपने उपन्यास ‘पथ का पाप’ में उन्होंने स्वाधीन भारत के ग्रामीण जीवन में आये बदलाव के साथ-साथ धार्मिक रूढ़ियों का बड़ा ही मार्मिक और यथार्थ चित्रण किया है।


प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book