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मैनेजमेंट गुरु श्री गणेश

बी.के. चन्द्र शेखर

प्रकाशक : डायमंड पॉकेट बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2010
पृष्ठ :192
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 7930
आईएसबीएन :978-81-288-3046

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भगवान गणेश का बड़ा सिर, उनकी बड़ी सोच को दर्शाता है और उनका यही बड़ा सिर उनकी पूर्ण बुद्धिमता से प्रबुद्ध दिमाग को भी दर्शाता है...

Management Guru Shri Ganesh - A Hindi Book - by B K Chandra Shekhar

वर्तमान परिदृश्य में नेतृत्व क्षमता, समस्या समाधान क्षमता, आकर्षक व्यक्तित्व के साथ विवेकशीलता और सहयोग की भावना आदि गुणों को अच्छे नेतृत्व या लीडर के लिए आवश्यक माना जाता है। इन क्षमताओं के विकास के लिए मैंने मैनेजमेंट गुरुओं द्वारा विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जाता है, मगर उनसे अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं होते। जबकि यह सभी गुण संपूर्ण देवताओं के अग्रणीय देव श्री गणेश में हैं।

भगवान श्री गणेश की तीक्ष्ण स्मृति और बुद्धिमत्तापूर्ण दृष्टिकोण सफलता के रहस्यों को खोलने के लिए प्रसिद्ध है। माना जाता है कि पारिवारिक और व्यवसायिक जीवन में भी आने वाली समस्याओं से निपटने के लिए श्री गणेश की तरह कुशाग्र बुद्धि का उपयोग कर निपटा जा सकता है। उनकी इसी विशेषता के कारण उन्हें देवताओं के बीच विशिष्ट स्थान प्राप्त है।

आज तक गणेश देव से संबंधित जितनी भी पुस्तकें आपने पढ़ी होंगी, यह पुस्तक उन पुस्तकों से हटकर साबित हो रही है। साथ ही अपने सटीक संदेशों के कारण मैनेजमेंट के विभिन्न गुरुओं का ध्यान आकर्षित करने में भी सफल हुई है। आधुनिक जीवनशैली के साथ-साथ प्रबंधकीय क्षमता तथा नेतृत्व क्षमता को विकसित करने में सहायक इस पुस्तक को आप भी पढ़िए और सफल बनिए।

खंड-१

सफलता मंत्र


सभ्यता के उदय काल से ही ‘संकेत’ व ‘प्रतीक’ विचारों की अभिव्यक्ति में सबसे अधिक प्रभावी सिद्ध हुए हैं। आइए, भगवान गणेश में चिह्नित इन्हीं संकेतों एवं प्रतीकों को देखें और ‘सफलता और प्रबंधकीय मंत्र’ सीखें।

१ 

हाथी का बड़ा सिर

(बुद्धिमता से परिपूर्ण)

भगवान गणेश का बड़ा सिर, उनकी बड़ी सोच को दर्शाता है और उनका यही बड़ा सिर उनकी पूर्ण बुद्धिमता से प्रबुद्ध दिमाग को भी दर्शाता है। यह हम लोगों को सफलता की प्राप्ति के लिए बड़ा सोचने के लिए प्रेरणा देता है। यहाँ पर ‘‘बड़ा’’ का तात्पर्य समग्र सोच है, जिसे सफल उपलब्धि के लिए कार्य के रूप में उपयोग में लाया जा सकता है।

एक लीडर या एक मैनेजर या कोई व्यक्ति, जो बड़ा सोचता है, वो अपने संगठन के लिए सभी ख्याति को प्राप्त कर सकता है और अगर वो अपनी सोच को छोटा (संकीर्ण) करता है या वो बड़ा नहीं सोच सकता है, तो वो वास्तव में किसी महान उपलब्धि को प्राप्त नहीं कर सकता है। उसका स्वार्थ प्रयोजन स्वयं की उन्नति को खतरे में डालने के साथ-साथ संगठन को भी खतरे में डालेगा जिसमें वो काम करता है।

इस प्रकार भगवान गणेश का बड़ा सिर मैनेजमेंट (प्रबंधन) को बताता है कि–बड़ा सोचो और बड़ी उपलब्धि प्राप्त करो, जो सभी के हित में हो।

२ 

छोटी आँखें

(सूक्ष्म दृष्टि–ध्यान केंद्रित आँखें)

छोटी आँखें केंद्रित ध्यान करना और सूक्ष्म दृष्टि को दर्शाती हैं। सूक्ष्म दृष्टि से तात्पर्य सूक्ष्म अवलोकन से है। यहां तक कि यह छोटी चीजों के भी संज्ञान को दर्शाता है। यह कुशल और प्रभावी पर्यवेक्षण की क्षमता है।

एक नेता या एक मैनेजर या किसी व्यक्ति को अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। लक्ष्य से किसी भी प्रकार का विचलन असफल परिणाम दे सकता है। इस प्रकार, भगवान गणेश की छोटी आँखें–एक तेज दृष्टि के साथ लक्ष्य की दिशा में काम और ध्यान को बनाए रखने के लिए कहती हैं। उचित ध्यान सही निर्णय लेने में किसी भी व्यक्ति को सक्षम बनाएगा; और समय पर सही निर्णय लेना ही किसी भी प्रकार के मैनेजमेंट से उम्मीद की जाती है।

३ 

बड़े कान

(एक अच्छा श्रोता)

यह शेक्सपीयर के कथन का सूचक है–‘‘हरेक बात को सुनें, लेकिन अपना मुंह बंद करके रखें’’। बड़ा कान सुक्षाव देता है कि आपको सभी की सुननी चाहिए और अपने कान को हमेशा खुला रखना चाहिए; तभी आप जान पाएंगे कि क्या अच्छा है और क्या बुरा है। यह अनाज से फटककर फूस को अलग करने के जैसा है।

भगवान गणेश का बड़ा कान सूप की आकृति का है। यह सुझाव देता है कि एक नेता या एक मैनेजर को सभी चीजों पर अपना ध्यान देना या सुनना चाहिए, और जो आवश्यक है उसे अलग कर अवांछित को दूर फेंक देना चाहिए। यह सही या गलत के बीच भेद करने की शक्ति के रूप में जाना जाता है।

४ 

छोटा मुँह

(कम और सटीक बोलें)

छोटा मुँह कम और सटीक बोलने का सूचक है। एक अच्छा लीडर या एक मैनेजर वह है जो जानता है कि उसे क्या अनुसरण करना चाहिए और क्या नजर-अंदाज करना चाहिए। ताकि वो जब बोले, तब वो प्रासंगिकता के साथ बोले।
जीवन में सफलता प्राप्ति के लिए किसी को अपने जीवन में इस नारे का अनुसरण करना चाहिए–‘‘कम बोलो, नरम बोलो और मीठा बोलो’’

५ 

लम्बी सूँड़

(सावधान और सतर्क–भविष्य को भांपना)

भगवान गणेश की लम्बी नाक (सूँड़) सुझाव देती है कि हमलोगों में भविष्य को पहले से ही भांपने की क्षमता होनी चाहिए, अर्थात पूर्वाभाषी होना चाहिए। यह सावधानी और सतर्कता का सूचक है। जैसे कि हाथी-एक छोटी कीट या एक चींटी से बहुत ज्यादा सावधान रहता है, उसी प्रकार भगवान गणेश की लम्बी नाक हरेक मामूली समस्या से भी सावधान रहने का सूचक है। जिस प्रकार एक चींटी बड़े हाथी के नाक के अन्दर घुसकर उसे मार सकती है, उसी प्रकार एक मामूली समस्या को ढीले तौर पर देखने और नजरअंदाज करने की प्रवृत्ति हमारे जीवन की एक प्रमुख समस्या में बदल सकती है।

इस प्रकार जीवन में सफल होने के लिए एक लीडर या एक मैनेजर को खतरे को भांप लेना चाहिए या आगे आ रहे सही अवसरों को पहचानने का ज्ञान होना चाहिए। जिस प्रकार भगवान की सूँड़ किसी भी दिशा में गंध को सूँघने के लिए घूम सकती है। उसी प्रकार सफल प्रबंधन को भी यह पूर्वभाष होना चाहिए कि कहाँ से सही अवसर आ रहे हैं और कौन सा क्षेत्र खतरे का है, और उसी के अनुरूप सफलता की दिशा में व्यवहार करना चाहिए।

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