लोगों की राय

जीवनी/आत्मकथा >> नेल्सन मंडेला : मेरा जीवन बातों बातों में

नेल्सन मंडेला : मेरा जीवन बातों बातों में

नेल्सन मंडेला

प्रकाशक : राजपाल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2011
पृष्ठ :368
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 8032
आईएसबीएन :9788122204193

Like this Hindi book 2 पाठकों को प्रिय

279 पाठक हैं

इस युग के महानतम नेता के व्यक्तिगत जीवन की अनोखी दास्तान...

Nelson Mandela : Mera Jeevan Baaton Baaton Mein


पहले कभी न देखी गयी सामग्री पर आधारित मंडेला के जीवन के अनकहे और अनसुने पहलुओं की दुर्लभ झाँकी

उनकी निजी डायरियों, चिट्ठियों, लेखों, भाषणों और संवादों पर आधारित

पहली बार एक लोकप्रिय अस्तित्व के अबाधित अन्तर्मन की झलक

‘...यह जानना आसन है कि क्यों कुछ ही नेता नेलसन मंडेला की तरह इज़्ज़त प्राप्त करते हैं। यह राजनीती की एक महत्त्व महत्त्वपूर्ण पुस्तक है।’ — शशि थरूर, हिन्दुस्तान टाइम्स

‘एक ‘दोषपूर्ण’, ‘घमंडी’ व ‘साधारण’ आदमी की वास्तविक ज़िंदगी की ज्यों-की-त्यों कही गई कहानी, जो अपने इर्द-गिर्द शुरु से ही बनते ‘जीवित संत’ के मिथक को जैसे छुरी लेकर काटता प्रतीत होता है।’ — बी. बी.सी. न्यूज़

‘...नेलसन मंडेला ऐतिहासिक निर्णय किस प्रकार लेते थे, इस पर एक अमूल्य दृष्टिकोण। ...यह महत्त्वपूर्ण है कि उन्होंने रोल मॉडल के रूप में गांधी नहीं, नेहरु को स्वीकार किया। वे यह भी साफ़ कहते है कि अहिंसा को उन्होंने नीति के रूप में स्वीकार किया, सिद्धांत के रूप में नहीं।’ — गार्जियन, इंग्लैंण्ड

‘सबसे गहरी दृष्टि जेल में लिखे पत्रों से प्राप्त होती है। ... यहां हम अधेड़ उम्र के पति से मिलते है, जो अपनी युवा, ज़िन्दादिल पत्नी विन्नी को भाषण देता है; बाहर से निर्भय राष्ट्रीयतावादी दिखने वाला महान् नेता भीतर से चिंतित रहता है कि उसने हथियार क्यों उठाये; परेशान पिता, जो जानता है कि उसके राजनीतिक युद्ध की उसके बच्चों को कितनी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है।’ — फायनेन्शल टाइम्स, लंदन


प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book