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उपन्यास >> अपना मोर्चा

अपना मोर्चा

काशीनाथ सिंह

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2017
पृष्ठ :127
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 8094
आईएसबीएन :9788126713660

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अपना मोर्चा...

Apna Morcha - A Hindi book by - Kashinath Singh

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

काशीनाथ सिंह का नाम सामने आते है उस तैराक का चित्र आँखों में तैर जाता है, जो एक चढ़ी हुई नदी में, धारा के विरुद्ध हाथ-पाँव मारता हुआ, बड़ी तेजी से किनारे की ओर बढ़ा चला आता हो। ‘अपना मोर्चा’ स्वयं में इसकी सर्वश्रेष्ठ गवाही है। यह मोर्चा प्रतिरोध की उस मानसिकता का बहुमूल्य दस्तावेज है जिसे इस देश के युवा ने पहली बार अर्जित किया था। एक चेतन अँगड़ाई इतिहास की करवट बनी थी - जब विश्वविद्यालय से छूटा हुआ भाषा का सवाल, पूरे सामाजिक-राजनीतिक ढाँचे का सवाल बन गया था और आन्दोलनों की लहरें जन-मानस के भिगोने लगी थीं।

हम क्यों पढ़ते हैं? ये विश्वविद्यालय क्यों? भाषा केवल एक लिपि ही क्यों, जीवन की भाषा क्यों नहीं? छात्रों, अध्यापकों, मजदूरों ओर किसानों के अपने अपने सवाल अलग-अलग क्यों हैं? व्यवस्था उन्हें किस तरह भटका कर तोड़ती है? एक छोटी सी कृति में इन सारे सवालों को उछाला है काशीनाथ सिंह ने। इनके जवाबों के लिए लोग खुद अपनी आत्मा टटोलें, यह सार्थक आग्रह भी इस कृति का है।

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