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धर्म एवं दर्शन >> श्री विष्णु कथा

श्री विष्णु कथा

नंदिता कृष्ण

प्रकाशक : पेंग्इन बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2005
पृष्ठ :145
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 8182
आईएसबीएन :9780144001378

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परम पिता विष्णु संरक्षक हैं। वे अच्छाई और धर्म के रक्षक हैं।

Shree Vishnu Katha by Nanditha Krishna

परम पिता विष्णु संरक्षक हैं। वे अच्छाई और धर्म के रक्षक हैं। आदि जल में अनेक फणों वाले आदि शेष पर बैठे वे अपने भक्तों को देखते हैं और पवित्र मन वाले को सुफल देते हैं। जब कभी भी धर्म संकट में होता है, वे अवतार लेकर उसे दुष्टों से छुटकारा दिलाते हैं।

विष्णु के संभावित ग़ैर-वैदिक द्रविड़ स्रोत तलाशने से आरंभ करके यह पुस्तक उनके रूप, आयाम व गुणों और अवतारों - मतस्य, कूर्म, वराह, नरसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण और अंतिम संहारक कल्कि - का वर्णन करती है। एक कथा वाचक की कुशलता को शोधार्थी की अंतर्दृष्टि से मिलाकर नंदिता कृष्ण ने हिंदू देवालयों के कदाचित सबसे शक्तिशाली और सम्मानित देवता को महिमापूर्ण ढंग से जीवंत किया है।

लेखक परिचय : चेन्नईवासी कला इतिहासकार नंदिता कृष्ण सी.पी. रामास्वामी अय्यर फ़ाउंडेशन और उसकी इकाई सी. पी. आर्ट सेंटर, द सी. पी. रामास्वामी इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडोलाजिकल रिसर्च, सरस्वती बाल केन्द्र और सी. पी. आर. एंवायरमेंटल एजुकेशन सेंटर की निदेशक हैं। उनकी पुस्तकों में द आर्ट एंड आइकनोग्राफी ऑफ़ विष्णु, द आर्ट्स एंड क्राफ़्ट्स ऑफ़ तमिलनाडु, मैन्युस्क्रिप्ट पेंटिंग्स ऑफ़ सरस्वती महल लाइब्रेरी, तंजौर, बालाजी वेंकटेश्वर-तिरुमल, तिरुपति और गणेश सम्मिलित हैं।


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