लोगों की राय

उपन्यास >> चक्के तले

चक्के तले

हरमन हेस

प्रकाशक : राधाकृष्ण प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2000
पृष्ठ :158
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 8202
आईएसबीएन :8171195350

Like this Hindi book 3 पाठकों को प्रिय

358 पाठक हैं

एक तरह से इस उपन्यास को हेस का आत्मकथात्मक उपन्यास भी कहा जा सकता है।

Chakke Tale - A Hindi EBook By Hermann Hesse



एक तरह से इस उपन्यास को हेस्से का आत्मकथात्मक उपन्यास भी कहा जा सकता है। कथा-नायक हंस गीबनराठ की भाँति हेस्से ने भी चौदह वर्ष की आयु में ७९ परीक्षार्थियों में दूसरे स्थान पर रहते हुए लांडेसएक्ज़ामेन की परीक्षा उत्तीर्ण की। उसके बाद वह एवांगेलिक-थेओलॉजिकल कॉलेज में पढ़ाई के लिए गए। (बाद में वह पादरी बने–यह उनके पिता की इच्छा थी।) लेकिन हेस्से अपने उपन्यास-पात्र हेरमन हाइलनर की भाँति वहाँ से भाग गए। अंततः वहाँ की पढ़ाई को उन्होंने तिलांजलि दे दी। उपन्यास में वर्णित प्राकृतिक दृश्य उनके जन्म-स्थान दक्षिण जर्मनी के काल्व नगर के इर्द-गिर्द के हैं।

वर्तमान शिक्षा पद्धति और उसके चलते विद्यार्थियों में व्याप्त तनाव के संदर्भ में यदि इस उपन्यास का मूल्याकंन किया जाता है तो मेरे लिए यह संतोष की बात होगी।


प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book