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छोटे छोटे आकाश

महेश गुप्त

प्रकाशक : सरल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2011
पृष्ठ :120
मुखपृष्ठ :
पुस्तक क्रमांक : 8418
आईएसबीएन :0

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छोटे छोटे आकाश पुस्तक का आई पैड संस्करण

Chhote Chhote Akash - A Hindi Ebook By Mahesh Gupta

आई पैड संस्करण


मावन जीवन का संघर्ष अनवरत चलता रहता है और आदमी आजीवन उसे आदत की तरह झेलता रहता है।

मित्रा साहब ने भी आजीवन बड़े संयम संतोष से जी कर अंत को भी शांतिपूर्ण स्वीकार करने का निश्चय किया था। पत्नी अन्नू, बेटे अविनाश, राजेश व बेटी अनिता से बनी सुखमय गृहस्थी के बीच वे तमाम संघर्षों से लोहा लेने की शक्ति रखते थे। लेकिन जीवन के अट्ठावन वर्ष काट लेने पर सर्विस से रिटायर होने की पूर्व रात्रि उनसे काटे नहीं कटी। पत्नी सिधार चुकी थी, बेटे अपनी-अपनी गृहस्थी में व्यस्त थे और बेटी भी अपने घर जा चुकी थी। तब एकांत जीवन के बीच अकेले रात भर मित्रा साहब समस्त जीवन का हिसाब-किताब करने में ही व्यस्त रहे। उन्हें क्या मालूम था कि वही उनके जीवन की आखिरी रात थी...

...तभी उन्हें अनन्त आकाश को देख कर लगा था कि शताब्दियों से यह अनन्त आकाश दूर-दूर तक विस्तृत और विशाल रूप में फैला है, पर इस आकाश के नीचे मनुष्य ने अनेक छोटे-छोटे आकाश बना लिए है। मित्रा साहब का आकाश कौन सा है—यही उनकी खोज थी, पर क्या वह खोज पूरी हो पाई?
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