गजलें और शायरी >> गुले नगमा गुले नगमाफिराक गोरखपुरी
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‘गुले-नगमा’ की कविताओं में भारतीय आत्मा की धड़कने गूँजती सुनाई देती हैं और उनका संगीत भारत की आत्मा का रंगारंग दर्शन कराता है।
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