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गजलें और शायरी >> गुले नगमा

गुले नगमा

फिराक गोरखपुरी

प्रकाशक : लोकभारती प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2015
पृष्ठ :280
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 8419
आईएसबीएन :9788180312847

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‘गुले-नगमा’ की कविताओं में भारतीय आत्मा की धड़कने गूँजती सुनाई देती हैं और उनका संगीत भारत की आत्मा का रंगारंग दर्शन कराता है।

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