कविता संग्रह >> इत्यादि जन इत्यादि जनपूरनचन्द जोशी
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ग्रामीण जगत के कठोर और भयावह यथार्थ से जूझते ‘इत्यादि जनों’ से जमीनी स्तर पर आमने-सामने के ट्रौमा से उपजी कविताएँ
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