लोगों की राय

उपन्यास >> भूभल

भूभल

मीनाक्षी स्वामी

प्रकाशक : सामयिक प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2011
पृष्ठ :256
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 8801
आईएसबीएन :9788171382200

Like this Hindi book 7 पाठकों को प्रिय

447 पाठक हैं

निस्संदेह यह उपन्यास उन बातों को लेकर नहीं लिखा गया है, जो आगे बढ़ने के साथ पीछे छूटती जा रही हैं बल्कि समय के साथ नहीं छूटने वाली उन बातों को लेकर है जिन्हें अब तक छूट जाना चाहिए था।

Ek Break Ke Baad

अनादिकाल से ही स्त्री पुरुष संबंधों में आकर्षण और विकर्षण एक साथ बड़े वैचित्र्य के साथ मौजूद रहा है। स्त्री विशेष रूप से पुरुष के आकर्षण का केन्द्र रही है। उसके प्रति आकर्षण, उसे पाने की लालसा और भोग की कामना...। इस कामना की अभिव्यक्ति के अनेक सूक्ष्म और जटिल आयाम हैं। येन-केन-प्रकारेण दैहिक भोग की चाह उसे कुंठित और विकृत बना देती है, जो बलात्कार जैसे दुष्कृत्य के रूप में पहले स्त्री पर थोपा जाता है और फिर उसी पर आरोप लगाकर उसे प्रताड़ित भी किया जाता है।

निस्संदेह यह उपन्यास उन बातों को लेकर नहीं लिखा गया है, जो आगे बढ़ने के साथ पीछे छूटती जा रही हैं बल्कि समय के साथ नहीं छूटने वाली उन बातों को लेकर है जिन्हें अब तक छूट जाना चाहिए था।

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book