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ककहरा कुपोषण का

सचिन कुमार जैन

प्रकाशक : विकास संवाद प्रकाशित वर्ष : 2013
पृष्ठ :46
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 8893
आईएसबीएन :9788192164687

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कुपोषण एक चुनौती भी है और सवाल भी...

Ek Break Ke Baad

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

कहाँ खो जाते है
रोशनी के पैमाने तमाम
जब सो जाते हैं बच्चे
भूख से आलिंगन करके,

कहाँ खो जाते हैं
वो रंगीन ख्वाब
जब खाली
रह जाती है थाली,

यह कैसी परंपरा है
ज्ञान की
जहाँ माँ सिखाती है
कोख में ही
अपने भ्रूण को
ककहरा कुपोषण का।

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