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			 उपन्यास >> घुसपैठिये घुसपैठियेहरि जोशी
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			 220 पाठक हैं  | 
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घुसपैठिये...
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
घुसपैठिये जाने माने लेखक हरी जोशी की अब तक की साहित्यिक यात्रा में एक और कड़ी है। 2013 में इन्हें ‘व्यंग्श्री सम्मान’ व ‘साहित्य मनीषी’, और 2002 में ‘मध्यप्रदेश लेखक संघ सम्मान’ से नवाज़ा गया था। इनकी अधिकांश रचनाए व्यंगात्मक होती है और कई बार अपने व्यंग के माध्यम से सरकार और उसके तौर-तरीको पर तीखा व्यंग करते है। ऐसे ही एक व्यंग लेख पर 1982 में तब के मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने उन्हें नौकरी से हटा दिया। इस पर देश के अनेक अखबारों और पत्रिकाओ में विरोध हुआ और कुछ महीने बाद उनकी नौकरी पर वापिस रखना पड़ा। फिर 1997 में सरकारी तंत्र पर तीखा व्यंग करने के कारण उन्हें मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड ने कानूनी नोटिस दिया। व्यंग के ज़रिये समाज और सरकार पर अपनी पैनी नज़र डालते हुए अब तक उनकी बीस पुस्तके प्रकाशित हो चुकी हैं जिसमे से पांच उपन्यास हैं। घुसपैठिये उनका नवीनतम व्यंगात्मक उपन्यास हैं।
			
		  			
			
						
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