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ध्वनियों के आलोक में स्त्री

मृणाल पाण्डे

प्रकाशक : राधाकृष्ण प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2015
पृष्ठ :124
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 9317
आईएसबीएन :9788183616959

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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

प्रख्यात लेखिका मृणाल पाण्डे की यह नवीनतम कृति संगीत-जगत के अनेक अनदेखे-ओझल वृत्तांतों का आकलन है ! इसमें इन गायिकाओं-गवनहरियों के जीवन-संघर्ष का वर्णन है, जिनके सुर और संगीत का आलोक तो हमारे सामने है, लेकिन स्त्री होने के कारण और अपने समय-समाज की कथित कुलीनता के दायरे से बाहर होने के कारण जिन अवरोधों का पग-पग पर उन्हें सामना करना पड़ा, उस अँधेरे का कहीं कोई जिक्र नहीं करता ! गौहर जान से लेकर बेगम अख्तर तक और मोघूबाई से लेकर गंगुबाई हंगल तक-कलाकारों की एक लम्बी फेहरिस्त यहाँ हम देख सकते हैं, जिन्हें अकल्पनीय प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच संगीत-साधना करनी पड़ी ! वास्तव में संगीत के प्रसंग से पाण्डे ने इस किताब में सामाजिक-सांस्कृतिक इतिहास की उस दरार पर रोशनी डाली है, जिसका भरना अब तक बाकी है ! उन्होंने बेहद आत्मीयता से तमाम प्रसंगों का उल्लेख किया है, जिससे पुस्तक ने अकादमिक विवेचना की बजाय एक दिलचस्प अनौपचारिक पाठ की शक्ल ले ली है ! जाहिर है, यह पाठक के दिल को छू लेती है !

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