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प्रिंसेज जैक्शन का देश, सिंगही और मर्डर लैंड

वेद प्रकाश शर्मा

प्रकाशक : राजा पॉकेट बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :302
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 9406
आईएसबीएन :9789332424326

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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

अलफांसे ने गजब की फुर्ती का परिचय देते हुए एक जोरदार फ्लाइंग किक उस लम्बे चेहरे वाले व्यक्ति के सीने पर रसीद कर दी।

लम्बे चेहरे वाला व्यक्ति लड़खड़ाया और कुर्सी से उछलता हुआ धड़ाम से चिकने फर्श पर गिरा।

आर्केस्ट्रा की धुन बंद हो गई, हॉल में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति की नजरें अलफांसे वाली सीट की तरफ उठ गईं।

तभी अलफांसे ने अपने पास रखी मेज पर जोर से ठोकर मारी, मेज एक तरफ जा गिरी। उस पर रखी ट्रिपल एक्स-रम की बोतल तथा गिलासों के साथ ताश के पत्ते भी बिखर गए, तभी अलफांसे आगे बढ़ता हुआ बोला - ‘‘पहले पत्ते लगाने का तरीका सीखो बेटे !’’

अलफांसे के शरीर पर इस समय एक लम्बा ओवर कोट झूल रहा था तथा सिर पर गोल कैप थी।

लम्बे चेहरे वाला इंसान भी काफी फुर्ती के साथ उछलकर खड़ा हो गया था। और अब वह भी अलफांसे से टकराने के लिए पूर्णतया तैयार था।

अलफांसे बड़े अंदाज से चलता हुआ उसके करीब पहुंचा तथा कूल्हों पर हाथ रखकर लापरवाही के अंदाज में बोला - ‘‘क्यों बेटे, तेरा उस्ताद कौन है ?’’

‘‘अब तुम यहां से बचकर नहीं जा पाओगे बेटे।’’ लम्बे चेहरे वाला खूंखार स्वर में बोला।

‘‘क्यों, क्या हुआ ?’’ कृत्रिम आश्चर्य से अलफांसे बोला।

‘‘अभी मालूम हो जाएगा।’’ लम्बे चेहरे वाले ने उसी लहजे में कहा तथा साथ ही अपनी जेब से एक चाकू निकालकर खोला और अलफांसे की ओर बढ़ा।

अलफांसे के होंठों पर एक विचित्र-सी मुस्कान उभरी। लेकिन उसके खड़े होने में कोई परिवर्तन नहीं आया।

लम्बे चेहरे वाले ने बड़े अंदाज के साथ चाकू को अपनी उंगलियों के बीच घुमाया तथा अलफांसे को खूनी दृष्टि से घूरता हुआ आगे बढ़ा।

हॉल में बैठे लगभग सभी ‘गैम्बलर’ अपना खेल छोड़कर खड़े हो गए थे तथा उन दोनों की तरफ देख रहे थे।

‘‘इस होटल में क्या-क्या होता है, मैं सब कुछ जानता हूं बेटे डियान !’’ अलफांसे बोला।

‘‘तुम मेरा नाम भी जानते हो ?’’ लम्बे चेहरे वाले के शब्दों में हल्का-सा आश्चर्य था।

‘‘तुम्हारा नाम जानना कोई ऐसा काम नहीं है जिस पर आश्चर्य व्यक्त किया जाए, वैसे मैं यह भी जानता हूं कि इस होटल कैमिनो के इस सीक्रेट अंडरग्राउंड हॉल में देश-विदेश की लड़कियां बिकती हैं तथा पत्ते लगाकर बड़े-बड़े सेठों को कंगाल बनाया जाता है।’’ अलफांसे ने मुस्कराकर कहा।

तभी लम्बे चेहरे वाला डियान चीते जैसी फुर्ती के साथ अलफांसे पर झपटा। लेकिन अलफांसे की फुर्ती के सामने भला चीते जैसी फुर्ती भी क्या करती, अर्थात् अलफांसे झुककर वार बचा गया तथा पेट में एक जोरदार टक्कर रसीद कर दी।

डियान बुरी तरह लड़खड़ाया और गिरा।

अलफांसे मुस्करा रहा था।

डियान फिर उठकर झपटा... लेकिन इस बार अलफांसे की जोरदार ठोकर ने उसके हुलिए को बदलकर रख दिया।

तभी अलफांसे के सिर पर जोरदार प्रहार हुआ... उसे हॉल घूमता-सा प्रतीत हुआ। लेकिन जल्द ही उसने स्वयं को सम्भाल लिया और अपने चारों ओर का निरीक्षण किया।

उसके चारों तरफ खूंखार किस्म के शक्तिशाली गुंडे खड़े थे।

अब अलफांसे स्वयं को पूर्णतया सम्भाल चुका था तथा वह बड़े आराम से अपने चारों तरफ खड़े गुंडों पर नजर डालता हुआ बोला - ‘‘यहां किस पैमाने पर स्मगलिंग होती है, यह भी मैं जानता हूं।’’

लेकिन अभी वह अपना वाक्य पूरा भी न कर पाया था कि गुंडे उस पर झपट पड़े, लेकिन अलफांसे ने यहां एक और शातिराना चाल चली।

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