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व्यवहारिक मार्गदर्शिका >> पहले राम फिर काम

पहले राम फिर काम

सरश्री

प्रकाशक : मंजुल पब्लिशिंग हाउस प्रकाशित वर्ष : 2015
पृष्ठ :176
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 9572
आईएसबीएन :9788183225885

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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

प्रेम, काम और वासना कि पहचान - महान सूत्र का ज्ञान हर इंसान का जीवन जिस महान सूत्र पर आधारित होना चाहिए, वह है - पहले राम, फिर काम।

इसी सूत्र को पकड़कर भारत ने अयोध्या का राजकाज सँभाला। लक्ष्मण हर पल श्रीराम कि सेवा में रहे और हनुमान ने तो समुंदर पार करने से लेकर लंका दहन, संजीवनी पर्वत लेने जैसे अनेक दुर्लभ कार्य कर दिखाए।

इनके साथ ही आप श्रीराम के ऐसे सात महागुणों को जानेंगे जिनके कारण उनका जीवन, महाजीवन बना। यदि इन गुणों को जानेंगे जिनके कारण उनका जीवन, महाजीवन बना।

यदि इन गुणों पर गंभीरता से मनन किया जाए तो ये आपके जीवन में भी उतर सकते हैं।

यह पुस्तक रामकथा की सभी बारीकियों, उनमें छिपी अनमोल सीखों को प्रकाशित करने में पूरी तरह सक्षम है।

इसे पढ़कर आप निश्चय ही कह उठेंगे - ‘इस बात का अर्थ है, ऐसा तो मैंने कभी सोचा ही न था...!’

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