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गीता प्रेस, गोरखपुर >> भगवान के स्वरूप का रहस्य

भगवान के स्वरूप का रहस्य

जयदयाल गोयन्दका

प्रकाशक : गीताप्रेस गोरखपुर प्रकाशित वर्ष : 2005
पृष्ठ :187
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 973
आईएसबीएन :00000

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प्रस्तुत पुस्तक में भगवान के स्वरूप के रहस्य का मार्मिक चित्रण....

इन लेखों में भाव भगवान् के भगवद्भक्तों के और सत्-शास्त्रों के वचनों के आधार पर ही लिखे हुए हैं,इसलिए इनके अनुसार जो कोई भी अपना जीवन बनावें उनको भगवत्प्राप्ति होने में कोई संशय नहीं है।

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