गीता प्रेस, गोरखपुर >> गीतावली गीतावलीगीताप्रेस
|
244 पाठक हैं |
प्रस्तुत पुस्तक में भगवान् की बाललीला,भरत-मिलाप,जटायु-उद्धार, विभीषण-शरणागति, सीताजी की वियोग-व्यथा आदि सुललित और करुण भावों का बड़ा ही विशद और मर्मस्पर्शी वर्णन मिलता है।
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book