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गीता प्रेस, गोरखपुर >> शिक्षाप्रद ग्यारह कहानियाँ

शिक्षाप्रद ग्यारह कहानियाँ

जयदयाल गोयन्दका

प्रकाशक : गीताप्रेस गोरखपुर प्रकाशित वर्ष : 2006
पृष्ठ :108
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 995
आईएसबीएन :81-293-0430-9

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इस पुस्तक में शिक्षाप्रद ग्यारह कहानियाँ है जो उत्तम-से-उत्तम उपदेश या आदर्श प्राप्त हो सकते है। प्रस्तुत है शिक्षाप्रद ग्यारह कहानियाँ....

Shikshaprad Gyarah Kahaniyan-A Hindi Book by Jaydayal Goyandaka - शिक्षाप्रद ग्यारह कहानियाँ - जयदयाल गोयन्दका

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

।।श्रीहरिः।।

निवेदन

हमारे पाठक पूज्य श्रीदयालजी गोयन्दका से भली भाँति परिचित हैं। इस पुस्तक में उन्हीं की लिखी हुई शिक्षाप्रद ग्यारह कहानियाँ प्रकाशित की जा रही हैं। ये ‘कल्याण’ में समय-समय पर प्रकाशित हो चुकी हैं।

 यद्यपि कहानियों में केवल कला देखने वालों को इनसे निराश होना पड़ेगा और उनके लिए ये लिखी भी नहीं गयी हैं, परंतु जो गृहस्थ या साधक अपनी लौकिक-पारलौकिक उन्नति चाहते हैं और जो परमार्थपथ के पथिक हैं, उनके लिए इन सरल भाषा में लिखी हुई सुन्दर कहानियों में उत्तम से उत्तम उपदेश तथा आदर्श प्राप्त हो सकते हैं।

मेरी प्रार्थना है, सब लोग इन कहानियों से लाभ उठायें।
प्रार्थी
हनुमानप्रसाद पोद्दार


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