संचयन
![]() |
ठाकुर जगमोहन सिंह समग्रठाकुर जगमोहन सिंह
मूल्य: Rs. 800 ठाकुर जगमोहन सिंह की रचनाओं के इस संकलन से गुज़रते हुए यह अनुभव किया जा सकता है कि उन्नीसवीं सदी के पुनर्जागरण का मानवतावाद कोरे यथार्थवादी मुहावरे में ही आकार नहीं ले रहा था, बल्कि किंचित रोमैंटिक स्वर में भी ध्वनित हो रहा था। आगे... |
![]() |
सुमित्रानंदन पंत ग्रंथावली: खंड 1-7सुमित्रानंदन पंत
मूल्य: Rs. 4900 ग्रंथावली के इस प्रथम खंड में पंतजी की वे पाँच आरम्भिक कृतियाँ सम्मिलित हैं जिनकी रचना उन्होंने काल–क्रमानुसार, सन् 1935 से पूर्व की थी। आगे... |
![]() |
श्रीलाल शुक्ल संचयितानामवर सिंह
मूल्य: Rs. 550 इस संचयिता के छह भाग हैं, जिनमें उनके उपन्यास, कहानी, व्यंग्य, निबन्ध, विनिबन्ध और आलोचनात्मक रचनाएँ समाहित हैं। आगे... |
![]() |
रेणु रचनावली: खंड 1-5फणीश्वरनाथ रेणु
मूल्य: Rs. 4800
रेणु रचनावली के पहले खंड में रेणु की सम्पूर्ण कहानियाँ पहली बार एक साथ, एक जगह प्रकाशित हो रही हैं। आगे... |
![]() |
रघुवीर सहाय संचयिताकृष्ण कुमार
मूल्य: Rs. 300 रघुवीर सहाय (1929–90) का एक रूप आधुनिक मिजाज के प्रतिनिधि का है, दूसरा आधुनिकता के समीक्षक का आगे... |
![]() |
रघुवीर सहाय रचनावली: खंड 1-6रघुवीर सहाय
मूल्य: Rs. 5100 रघुवीर सहाय की रचनाएँ आधुनिक समय की धड़कनों का जीवंत दस्तावेज हैं आगे... |
![]() |
परसाई रचनावली: खंड -1-6हरिशंकर परसाई
मूल्य: Rs. 4800 रचनाशिल्प के नाते इन कहानियों की भाषा का ठेठ देसी मिजाज और तेवर तथा उसमें निहित व्यंग्य हमें गहरे तक प्रभावित करता है । आगे... |
![]() |
निराला रचनावली: खंड 1-8सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
मूल्य: Rs. 6000
परिमल, गीतिका, अनामिका और तुलसीदास नामक काव्यकृतियों को संजोय हुए रचनावली का यह खंड महाकवि की पूर्ववर्ती काव्य-साधना का सजीव साक्ष्य प्रस्तुत करता है। आगे... |
![]() |
नागार्जुन रचनावली : खंड 1-7नागार्जुन
मूल्य: Rs. 5500
रचनावली के प्रथम खंड में बाबा की उन सभी कविताओं को संकलित किया गया है, जिनका रचनाकाल 1967 ई– तक है। आगे... |
![]() |
मुक्तिबोध रचनावली: खंड 1-6गजानन माधव मुक्तिबोध
मूल्य: Rs. 4200 श्री रमेश मुक्तिबोध के श्रम से प्राप्त और व्यवस्थित की गई इस खंड में संकलित 'आधी-अधूरी, कुछ पूरी तथा भिन्न-भिन्न प्रारूपों के संयोजन से बनी कुल 351 कविताएँ हमें यही बताती हैं कि कविता करना कुछ अलग-सा ही काम है, आगे... |