हास्य-व्यंग्य
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प्रतिनिधि व्यंग्य: मनोहर श्याम जोशीमनोहर श्याम जोशी
मूल्य: Rs. 60 इस संकलन में संकलित सामग्री से व्यंग्य की यह शक्ति ही सामने नहीं आती, बतौर व्यंग्यकार जोशी जी की ताकत का भी पता चलता है। आगे... |
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पगडंडियों का ज़मानाहरिशंकर परसाई
मूल्य: Rs. 295
इस पुस्तक में हिन्दी के सबसे सशक्त और लोकप्रिय व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई के लगभग दो दर्जन निबन्ध संगृहीत हैं। आगे... |
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निठल्ले की डायरीहरिशंकर परसाई
मूल्य: Rs. 395 हरिशंकर परसाई हिन्दी के अकेले ऐसे व्यंग्यकार रहे हैं जिन्होंने आनन्द को व्यंग्य का साध्य न बनने देने की सर्वाधिक सचेत कोशिश की। आगे... |
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नदी में खड़ा कविशरद जोशी
मूल्य: Rs. 400 ‘नदी में खड़ा कवि’ एक ऐसे महान व्यंग्यकार की कृति है जिसने व्यंग्य को कालजयी सार्थकता प्रदान की है। आगे... |
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ईश्वर की कहानियाँविष्णु नागर
मूल्य: Rs. 250 पहली बार इस पुस्तक में अभी तक प्रकाशित ईश्वर की सभी कहानियाँ एक साथ संकलित हैं। आगे... |
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घाव करें गम्भीरशरद जोशी
मूल्य: Rs. 200 शरद जोशी के असंख्य पाठकों के लिए एक उपहार। आगे... |
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देश सेवा का धंधाविष्णु नागर
मूल्य: Rs. 75 अपने समय की तीखी राजनीतिक-सामाजिक विडम्बनाओं को उन्होंने इस पुस्तक में शामिल सभी व्यंग्यों के माध्यम से पकड़ा है। आगे... |
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बिहार पर मत हँसोगौतम सान्याल
मूल्य: Rs. 250 समग्रत: प्रस्तुत व्यंग्य पुस्तक विधा और विन्यास दोनों क्षेत्रों में एक उपलब्धि है। आगे... |
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व्हाइट हाउस में रामलीलाआलोक पुराणिक
मूल्य: Rs. 450 समसामयिक जीवन और समाज के विभिन्न पक्षों पर तीखी निगाह से दृष्टिपात करते ये व्यंग्य-लेख निश्चय ही पाठकों को लम्बे समय तक याद रहेंगे। आगे... |
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तो अंग्रेज़ क्या बुरे थेरविन्द्र बड़गैयाँ
मूल्य: Rs. 95 ‘तो अंग्रेज क्या बुरे थे’ व्यंग्य-मिश्रित ललित गद्य का दिलचस्प उदाहरण है। आगे... |