लोगों की राय

नई पुस्तकें

यंगिस्तान के नौनिहाल

नीरज कुमार त्रिपाठी

मूल्य: Rs. 150

एक लेखक के तौर पर समाज के हर कोने में झाँकने की आदत ने मुझे कुछ अनजाने से पहलुओं को उकेरने में भारी योगदान दिया है। इस किताब में मैंने नौजवानों के एक बड़े समूह का चित्र खींचने का प्रयास किया है।   आगे...

सिसकियाँ

नवल सिंह

मूल्य: Rs. 200

कविताओं के विषय कुछ इस प्रकार हैं जैसे बरसात, नदियां, पहाड़, धूप इत्यादि और ग़ज़लों में, कविताओं में और नज़्मों में इनकी उपस्थिति कुछ ज्यादा ही मिलेगी।   आगे...

सारथी का सन्देश

गंदर्भ आनंद

मूल्य: Rs. 250

प्रस्तुत पुस्तक में अलग-अलग काव्य-छन्दों का अध्यायवार विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है। जिस प्रकार मूल पुस्तक में अठारह अध्याय दिये हुए हैं, ठीक उसी प्रकार प्रस्तुत पुस्तक में अठारह सर्गों का अध्यायवार समावेश किया गया है।   आगे...

रजनी गंधा

शबनम शंकर

मूल्य: Rs. 120

यथार्थ से अनुभव लेकर उनको कविताओं के माध्यम से व्यक्त किया है।   आगे...

मन की बात

सुधीर सिंह

मूल्य: Rs. 200

समाज में जो कटु सत्य मैंने देखा, सुना, परखा और अनुभव कियाय उसे ही कविता के रूप में अपने परिमित ज्ञान की परिधि में रखते हुए यथासंभव उजागर करने का प्रयास किया।   आगे...

मन की गीता

महेश चन्दर सिंह अधिकारी

मूल्य: Rs. 60

भगवान श्रीकृष्ण ने हनुमान जी से पूछा कि हे कपि श्रेष्ठ क्या तुमने भी गीता सुनी ? तब कपि श्रेष्ठ ने आनन्द मग्न हो उत्तर दिया कि - हे प्रभो ! भेद खुलने के संदेह से मैं नीचे नहीं आया। तब भगवान कृष्ण ने हनुमान जी को आदेश दिया कि तुम अब मन की गीता बनाओ।   आगे...

तिनका एक सफरनामा

संजीव दीक्षित

मूल्य: Rs. 150

‘‘तिनका - एक सफरनामा’’ एक किताब मात्र नहीं है और न ही कविताओं के संग्रह तक सीमित है बल्कि मेरे लिए खुली आँख से देखा ख्वाब है।   आगे...

छठा पूत

वन्दना मोदी गोयल

मूल्य: Rs. 250

ये उपन्यास दरअसल समाज में रहने वाले कुछ ऐसी मानसिकता वाले लोगों के संर्पक में आने के बाद लिखा गया जो बेटियों को समाज में, घर में और अपने भाग्य में बोझ समझते हैं।   आगे...

और झाड़ू धन्य हो गई

कुशलेन्द्र श्रीवास्तव

मूल्य: Rs. 200

समाज की समसामायिक बाह्य एवं अन्तर्दशा से सम्बन्धित अनेक समस्याओं को रेखांकित किया है।   आगे...

आद्याशक्ति सहस्त्रोष्टोतर स्त्रोत

महेश चन्द्र सिंह अधिकारी

मूल्य: Rs. 100

अष्टोत्तर श्लोकों की एक विशेषता यह है कि एक नाम दुबारा नहीं आया है और नामवाली क्रमबद्ध करने पर समय लगा। उक्त कार्य में भगवान की कृपा और पुराणों के अध्ययन के अलावा किसी का सहारा नहीं लिया गया है।   आगे...

 

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