नाटक-एकाँकी
|
पहला रंगदेवेंद्र राज अंकुर
मूल्य: Rs. 350 देवेन्द्र राज अंकुर की नाट्य-कृति आगे... |
|
पहला राजाजगदीश चंद्र माथुर
मूल्य: Rs. 50 पहला राजा की कथा एक पौराणिक आख्यान पर आधारित है, जिसमें प्रकृति और मनुष्य के बीच सनातन श्रम-संबंधों की महत्ता को रेखांकित किया गया है। आगे... |
|
पगला घोड़ाबादल सरकार
मूल्य: Rs. 250 सुप्रसिद्ध नाटककार बादल सरकार की यह कृति बांग्ला और हिंदी दोनों भाषाओं में अनेक बार मंचस्थ हो चुकी हैं। आगे... |
|
पढ़ते सुनते देखतेदेवेंद्र राज अंकुर
मूल्य: Rs. 400 हमें पूरा विश्वास है कि सिद्धान्त और व्यवहार के बीच से अपना रास्ता तलाश करती यह पुस्तक उन सबके लिए उपादेय साबित होगी जो वर्तमान हिन्दी रंगमंच की सम्यक् समझ हासिल करना चाहते हैं। आगे... |
|
नाट्यशास्त्र की भारतीय परम्परा और दशरूपकहजारी प्रसाद द्विवेदी
मूल्य: Rs. 995
इस पुस्तक में धनंजय कृत कारिकाओं के अलावा धनिक की वृत्ति तथा नाट्यशास्त्र की भारतीय परम्परा का परिचय देने के लिए आचार्य द्विवेदी ने अपना एक निबन्ध भी जोड़ा है। आगे... |
|
मैले हाथज्यां पॉल सार्त्र
मूल्य: Rs. 150 सर्वप्रथम पैरिस में सन् 1948 में मंचित यह नाटक साम्यवाद की मानसिकता और तौर-तरीकों की एक बेहतरीन (क्लासिक) विवेचना करता है। आगे... |
|
लाक्षागृह एवं अन्य नाटकव्रात्य बसु
मूल्य: Rs. 395 इन नाटकों का सबसे बड़ा आकर्षण इनका भाषा-सौष्ठव और मंचीयता है जो इन्हें एक तरफ अभिनेय बनाती है तो दूसरी तरफ पठनीय भी। कथ्य स्वयं एक तत्त्व है जिसके लिए इन्हें पढ़ा ही जाना चाहिए। आगे... |
|
खिड़की खोल दोवर्षा दास
मूल्य: Rs. 300 खिड़की खोल दो' में वर्षा दास के चार नाटक संकलित हैं। आगे... |
|
कहते हैं जिसको प्यारकृष्ण बलदेव वैद
मूल्य: Rs. 125
इस नाटक को पढ़ते ही पाठक को नाटक अपने सामने घटित होते दिखता है। आगे... |
|
जाति ही पूछो साधु कीविजय तेंदुलकर
मूल्य: Rs. 150 जीवन के स्याह पक्षों को निर्मम पर्यवेक्षण से उजागर करने के लिए प्रसिद्ध रहे विजय तेन्दुलकर का यह नाटक समकालीन सामाजिक विद्रूप को थोड़ा व्यंग्यात्मक नजरिये से खोलता है। आगे... |