शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					गोंद					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० कुंदुरु वा हिं० गूदा] १. कुछ विशिष्ट पौधों तथा वृक्षों में से निकलनेवाला चिपचिपा या लसीला तरल निर्यास जो जमकर डलों या दानों के रूप में हो जाता है। २. उक्त निर्यास को पानी में घोलकर तैयार किया हुआ वह रूप जिससे कागज आदि चिपकाये जाते हैं। स्त्री० दे० ‘गोंदी’।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गोंदवानी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं० गोंद+फा० दान] वह पात्र जिसमें गोंद भिगोकर रखा रहे।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गोंदनी					 :
				 | 
				
					स्त्री० दे० ‘गोंदी’।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गोंदपँजीरी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं० गोंद+पँजीरी] वह पँजीरी जिसमें गोंद भी मिलाया गया हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गोंदपाग					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० गोंद+पाग] गोंद और चीनी के मेल से बनी हुई एक प्रकार की मिठाई। पपड़ी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गोंदरा					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० गुंद्र=एक] १. गोनरा नामक घास। २. नरम घास या पयाल का बना हुआ एक प्रकार का छोटा आसन।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गोंदरी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० गुंद्रा] १. एक प्रकार का मुलायम लंबी घास जो पानी में होती है। गोनी। २. उक्त घास की बनी हुई चटाई।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गोंदला					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० गुद्रा] १. नागरमोथा नामक घास की एक जाति। २.गोनरा या गोनी नामक घास।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गोंदा					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० गूँधना] १. बुलबुलों को खिलाई जानेवाली गूँधे हुए भुने चने के बेसन की छोटी-छोटी गोलियाँ। मुहावरा–गोंदा दिखाना (क) बुलबुलों को लड़ाने के लिए उनके आगे गोंदा फेंकना। (ख) दो पक्षों में लड़ाई लगाना। २. गीली मिट्टी के वे पिंड जो कच्ची दीवारें बनाने के समय एक पर एक रखे जाते हैं। गारा। उदाहरण–उसको मिट्टी के गोंदों की ऊँचाई देकर फूस से ढक दिया।–वृन्दावनलाल वर्मा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गोंदी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० गुन्द्रा] एक प्रकार की घास जिसके डठंलों से चटाइयाँ बनती हैं। गोंदरी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गोंदीला					 :
				 | 
				
					वि० [हिं० गोंद+ईला (प्रत्यय)] [स्त्री० गोंदीली] १. (वृक्ष) जिसमें से गोंद निकलती हो। २. जिसमें गोंद लगी हो। गोंद से युक्त।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |