शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					बैसंदर					 :
				 | 
				
					पुं०=बैसंतर (अग्नि)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बैस					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० वयस्] १. वयस। वर। उमर। उदा०—बारी बैस गुलाब की, सींचत मनमथ छैल।—रसनिधि। २. युवास्था। जवानी कि० प्र०—चढ़ना। पुं०=वैश्य। पुं० (किसी मूल पुरुष के नाम पर) क्षत्रियों की एक प्रसिद्ध शाखा जो अधिकतर कन्नौज से अंतर्वेद तक बसी है।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बैसना					 :
				 | 
				
					सं०=बैठना। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बैसरा					 :
				 | 
				
					स्त्री० दें० ‘कंघी’ (जुलाहों की)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बैसवाड़ा					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० बैस+बाड़ा (प्रत्य०)] [वि० बैसवाड़ी] अवध के दक्षिण-पश्चिमी भू-भाग का नाम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बैसवाड़ी					 :
				 | 
				
					वि० [हिं० बैसवाड़ा] बैसवाड़े में होनेवालास्त्री० बैसवाड़े की बोली। पुं० बैसवाड़े का निवासी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बैसा					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० वंश बाँस] औजारों की मूठ या दस्ता। उदा० वैसी लगै कुठार को...। वृंद।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बैसाख					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० बैशाख] चैत के बाद और जेठ के पहले का महीना। वैशाख।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बैसाखी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० वैशाख] १. सौर वैशाख का पहला दिन। २. उक्त दिन मनाया जानेवाला त्यौहार। स्त्री० [सं० द्विशाखी= दो शाखाओंवाला] १. वह डंडा जिसे बगल के नीचे रखकर लंगड़े चलते है। २. डंडा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बैसारना					 :
				 | 
				
					सं०=बैठाना। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बैसिक					 :
				 | 
				
					पुं०=वैशिक। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बैस्वा					 :
				 | 
				
					स्त्री०=वेश्या।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |