| शब्द का अर्थ | 
					
				| मारु					 : | पुं० १. मार (कामदेव)। २. मारवाड़ (देश)। स्त्री०=मार। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| मारुत					 : | पुं० [सं० मरुत+अण्] १. वायु। पवन। २. वायु या पवन के अधिपति देवता। | 
			
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				| मारुत-सुत					 : | पुं० [ष० त०] १. हनुमान। २. भीम। | 
			
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				| मारुतात्मज					 : | पुं० [सं० मारुत-आत्मज, ष० त०] हनुमान्। | 
			
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				| मारुतापह					 : | पुं० [सं० मारुत-अप√हन् (मारना)+ड] वरुण वृक्ष। | 
			
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				| मारुताशन					 : | पुं० [सं० मरुत-अशन, ब० स०] १. कार्तिकेय का एक अनुचर। २. साँप। | 
			
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				| मारुति					 : | पुं० [सं० मारुत+इञ्] १. हनुमान। २. भीम। | 
			
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				| मारुध					 : | पुं० [सं०] एक प्राचीन देश। | 
			
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