| शब्द का अर्थ | 
					
				| वसंत					 : | पुं० [सं०√वस्+झच्] १. वर्ष की छः ऋतुओं में से एक ऋतु। हेमंत और ग्रीष्म के बीच की ऋतु। २. माघ सुदी पंचमी को मनाया जानेवाला एक पर्व जो उक्त ऋतु के आगमन का सूचक होता है। ३. संगीत में छः मुख्य रागों में से एक जो विशेष रूप से वसंत ऋतु में गाया जाता है। ४. एक ताल। ५. चेचक। ६. अतिसार। ७. फूलों का गुच्छा। | 
			
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				| वसंतक					 : | पुं० [सं० वसंत+कन्] श्योनाक सोनापाढ़ा। | 
			
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				| वसंतगीर्वाणी					 : | स्त्री० [सं०] संगीत में कर्नाटकी पद्धति की एक रागिनी। | 
			
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				| वसंत-घोषी (षिन्)					 : | पुं० [सं०] कोकिल। | 
			
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				| वसंतजा					 : | स्त्री० [सं० वसंत√जन् (उत्पन्न करना)+ड+टाप्] १. वासंती लता। २. सफेद जूही। ३. वसंतोत्सव। | 
			
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				| वसंततिलक					 : | पुं० [सं० ष० त०] १. एक वर्णवृत्त जिसके प्रत्येक चरण में तगण, भगण, जगण, जगण और दो गुरु-इस प्रकार कुल चौदह वर्ण होते हैं। २. एक प्रकार का पौधा और उसके फूल। | 
			
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				| वसंत-तिलका					 : | स्त्री० [सं० वसंततिलक+टाप्]=वसंततिलक (वर्णवृत्त)। | 
			
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				| वसंतदूत					 : | पुं० [सं० ष० त०] १. आम (वृक्ष)। २. कोयल। ३. पंचराग। ४. चैत्रमास। | 
			
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				| वसंत-दूती					 : | स्त्री० [सं० वसंतदूत+ङीष्] १. कोयल। २. पाडर वृक्ष। ३. माधवी लता। | 
			
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				| वसंत-नारायणी					 : | स्त्री० [सं०] संगीत में कर्नाटकी पद्धति की एक रागिनी। | 
			
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				| वसंत-पंचमी					 : | स्त्री० [सं० ष० त०] माघ महीने की शुक्ल पंचमी। पहले इस दिन वसंत और रति सहित कामदेव की पूजा होती थी, पर आजकल यह सरस्वती पूजन का दिन माना जाता है। इसे श्री-पंचमी भी कहते हैं। | 
			
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				| वसंत-पूजा					 : | स्त्री० [सं०] एक प्रकार का धार्मिक समारोह जिसमें वेदों के कुछ विशिष्ट मंत्रों का सस्वर पाठ होता है। | 
			
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				| वसंत-बंधु					 : | पुं० [सं० ष० त०] कामदेव। | 
			
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				| वसंत-भूपाल					 : | पुं० [सं० मध्य० स०] संगीत में कर्नाटकी पद्धति का एक राग। | 
			
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				| वसंत-भैरवी					 : | पुं० [सं० मध्य० स०] ऐसी भैरवी जो वसंत राग में गाई जाती हो। | 
			
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				| वसंत-महोत्सव					 : | पुं० [सं० ष० त०] १. एक उत्सव जो प्राचीन काल में वसंत पंचमी के दूसरे दिन कामदेव और वसंत की पूजा के उपलक्ष्य में मनाया जाता था। २. होली का उत्सव। | 
			
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				| वसंत-मारू					 : | पुं० [सं० मध्यम० स०] सम्पूर्ण जाति का एक राग जिसमें सब शुद्ध स्वर लगते हैं। | 
			
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				| वसंत-यात्रा					 : | स्त्री० [सं०] वसंतोत्सव। | 
			
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				| वसंत-व्रत					 : | पुं० [सं० ब० स०] कोकिल। | 
			
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				| वसंत-सखा					 : | पुं० [सं०] कामदेव। | 
			
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				| वसंती					 : | वि० [सं० वसंत] १. वसंत ऋतु संबंधी। वसंत का। जैसे–वसंती मौसम। २. वसंत ऋतु में फूलनेवाली सरसों के फूलों की तरह हलके पीले रंग का। बसंती। जैसे–वसंती चोली, वसंती साड़ी। पुं० उक्त प्रकार का रंग। | 
			
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				| वसंतोत्सव					 : | पुं० [सं०] १. वसंत पंचमी के दिन मनाया जानेवाला उत्सव। (पश्चिम)। ०२. प्राचीन काल में माघ सुदी छठ (वसंत पंचमी के दूसरे दिन) को मनाया जानेवाला उत्सव जिसमें कामदेव की पूजा की जाती थी। ३. होली का उत्सव। | 
			
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