| शब्द का अर्थ | 
					
				| स्पृष्ट					 : | भू० कृ० [सं०] जिसे छुआ गया हो। पुं० व्याकरण में वर्णों के उच्चारण का एक प्रकार का आभ्यन्तर प्रयत्न। विशेष–क् से म् तक के वर्णों का उच्चारण इसी प्रयत्न से होता है। | 
			
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				| स्पृष्टास्पृष्टि					 : | स्त्री० [सं०] १. एक दूसरे को छूना। २. छुआछूत। | 
			
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				| स्पृष्टि					 : | स्त्री० [सं०] छूने की क्रिया या भाव। स्पर्श। | 
			
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				| स्पृष्टी (टिन्)					 : | वि० [सं०]=स्पर्शी। | 
			
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